उज्जैन।
इस बार राखी 9 अगस्त को आ रही है। भद्रा का साया नहीं होने से पूरे दिन राखी बांधी जा सकेगी। श्रवण नक्षत्र व सौभाग्य योग का संयोग भी बन रहा है। अक्सर रक्षा बंधन पर भद्रा का साया होने के कारण मुहूर्त देखकर राखी बांधी जाती है। लेकिन इस बार पूरे दिन ही भद्रा का प्रभाव नहीं रहेगा, जिससे किसी भी समय राखी बांधी जा सकेगी।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि इस वर्ष रक्षाबंधन श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग, बव करण और पूर्णिमा तिथि में पर्व मनाया जाएगा। इस दिन चंद्रमा मकर राशि में स्थित रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग में प्रातः से दोपहर 2:40 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा। सायंकाल में भी शुभ योग में राखी बांधी जा सकेगी। रक्षाबंधन का पर्व उज्जैन में खास होता है। बहनें तिलक कर, मिठाई आदि खिलाकर भाईयों की कलाई पर राखी बांधती है तो भाई शगुन में उन्हें दक्षिणा आदि भेंट करते हैं। भाई-बहन के प्रेम के स्वरूप इस पर्व की खासी धूम रहती है।
297 वर्ष बाद 8 ग्रहों की
विशेष स्थिति बन रही
विशेष बात यह है कि इस बार ग्रहों की स्थिति भी काफी खास है। आपको बता दे कि 297 साल के बाद यह संयोग बन रहा है जब एक साथ 8 ग्रहों की स्थिति खास है। सन् 1728 के बाद पहली बार 2025 में 8 ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है। सूर्य कर्क में, चंद्र मकर में, मंगल कन्या में, बुध कर्क में, गुरु और शुक्र मिथुन में, राहु कुंभ में और केतु सिंह राशि में रहेंगे। इस दिन विभिन्न समय पर अलग-अलग केंद्र त्रिकोण योग बनेंगे।
शनिवार के दिन श्रवण नक्षत्र
का संयोग भी विशेष रहेगा
रक्षा बंधन पर्व पर कई योग संयोग बन रहे है। इसमें सबसे विशेष है शनिवार का दिन। इस दिन श्रवण नक्षत्र का योग बहुत कम बनता है। इस दिन चंद्र मकर राशि में रहेगा और मकर राशि के स्वामी शनि है। शनिवार का दिन जिसका स्वामी भी शनि है और श्रवण नक्षत्र जो शनि की राशि की कक्षा में आते है। यह अपने आप में दुर्लभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में श्रवण नक्षत्र का अधिपति विष्णु को बताया गया है। इस दिन सौभाग्य योग भी है, जिसके अधिपति ब्रह्मा है। ऐसे में ब्रह्मा व विष्णु की उपस्थिति में इस बार का रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा।
